हाल क्या कहें अपना

दिन तो गुजरा पल छिन गिनते

संध्या बीत गई एकाकी 
नींद चुरा ले गया नयन से एक अधूरा सपना
हाल कहें क्या अपना 

रहे बजाते बैल फ़ोन की
वहात्सेप्प संदेशे
ब्रेकिंग न्यूज़ रिमाइंडर
प्रतिपल  सी एन एन ने भेजे 
किस कोने में कहाँ घटी है कोई नूतन घटना 

हाल यही है अपना 

कैलेंडर था भरा रहा 
मीटिंग की लिस्ट बना कर 
इक रिपोर्ट को भेजा हमने
बीस बार दुहरा कर 
रहा शेष प्रिंटर पर जाकर उसका फिर भी छपना

हाल क्या कहें अपना 

शनि कट जाता एक ज़ूम की
खिड़की में जा रहते
रवि की सुबह गोष्ठी
संध्या सम्मेलन में पढ़ते
ढूँढ रहे हैं कहाँ समय है? जिसे कह सकें अपना 

यही हाल है अपना 






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