घटता नहीं किन्तु सूनापन

संचारों के नए माध्ययम नित्य जुटा कर रखता है मन 
घटता नहीं किन्तु सूनापन 

ट्विटर फेसबुक वॉट्सऐप के साथ वायबर स्काइप है 
लेकिन अपनापन महकाए, वो ही इन सबसे गायब  है 
बढ़ा और भी एकाकीपन
 घटा नहीं घिरता सूनापन 

इंटरनेट उंगलियों पर है, जेब रखा ये स्मार्टफोन है 
जिसका स्वर कानों में मिस्री घोल सके बस वही मौन है 
गौरय्या   न फुदके   आँगन 
बढता और अधिक सूनापन 

मिलती बीस ट्वीट, मिल जाती सौ दोसौ रोजाना लाइक 
लेकिन रहता स्नेह संदेसा होकर एक तिलिस्मी, गायब 
महके नहीं हवा ला चन्दन
बढता है बस एकाकीपन 

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