आपके लिये नव वर्ष

हर दिवस हो नये गीत सा छंदमय, सांझ बन कर गज़ल की रवानी रहे
रात डूबी हुई प्रीत की गंध में चांदनी की नई इक कहानी कहे
बात निशिगंध से मिल चमेली करे, औ’ भरे मोगरा बाँह कचनार को
ऐसी छवियों से सज कर उमगती हुई, इस नये वर्ष की ॠतु सुहानी रहे

मुट्ठियों में संवरने लगे आपकी, आपकी कल्पनाओं का विस्तार सब
स्वप्न हर, भोर में प्रश्न करने लगे, नैन में से निकल शिल्प होना है कब ?
इस नये वर्ष में जितने आयाम हैं सब सिमटते रहें आपके द्वार पर
कामना के सुमन की भरी आंजुरि, आपके पगकमल पे चढ़ाता हूँ अब

9 comments:

Anonymous said...

आपको भी नव वर्ष की शुभकामनाएँ

Pankaj Oudhia said...

नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए।


आप सब का जीवन खुशियो से भर जाए।

पारुल "पुखराज" said...

आपको भी…नव-वर्ष मंगलमय हो

Pratyaksha said...

नव वर्ष शुभ हो मंगलमय हो

Poonam Misra said...

आपकी रचना के अनुरूप हो आपका नया साल ऐसी शुभकामना है

नीरज गोस्वामी said...

बात निशिगंध से मिल चमेली करे, औ’ भरे मोगरा बाँह कचनार को
राकेश भाई कहाँ से खोज लाते हैं ऐसे जादुई शब्द. नव वर्ष पर इतने सुंदर शब्दों में शुभकामना आप ने दी है की मन तृप्त हो गया. आप को भी नव वर्ष की शुभकामनाएं. इश्वर से प्रार्थना है की हमेशा ऐसे ही शब्दों से फूल खिलते रहें और पाठकों को सुवासित करते रहें.
नीरज

Anonymous said...

आप और आपके परिवार को नव-वर्ष की ढेरों सारी शुभकामना,और बधाई.

Hindi Sagar

ghughutibasuti said...

आपको भी नववर्ष की शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती

Guman singh said...

नव वर्ष की शुभकामनाए

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