होली

पीले टेसू खिले पीली सरसों हँसी,गुनगुना चूनरी और धानी हुई
ओढ़ सिन्दूर सन्ध्या लजाने लगी,
मुस्कुराती दुपहर आसमानी हुई
चूड़ियां लाल पहने उषा की दुल्हन
आँज काजल निशा होती खंजननयन
रंग होली के बिखरे हैं चारों तरफ़, यों लगा है प्रकॄति भी दिवानी हुई

होली के अवसर पर अनन्य शुभकामनायें

9 comments:

Anonymous said...

आपको भी होली बहुत शुभ हो

अरुणिमा गुप्ता

Udan Tashtari said...

आपको और परिवार को भी होली की बहुत मुबारकबाद!!

अनूप शुक्ल said...

आपको भी मुबारक होली!

Divine India said...

होली के रंगों में आप ऐसे बेशुध हो नहीं
काव्य की चिंता न हो व्यंग सुमार्…बस
होकर मस्त आप में ही खेले सारा परिवार!!
शुभकामनाएँ स्वीकरे!!

Divine India said...

होली के रंगों में आप ऐसे बेशुध हो नहीं
काव्य की चिंता न हो व्यंग सुमार्…बस
होकर मस्त आप में ही खेले सारा परिवार!!
शुभकामनाएँ स्वीकरे!!

Dr.Bhawna Kunwar said...

आपको आपके परिवार सहित होली के इस अवसर पर बहुत सारी शुभकामनायें।

Mohinder56 said...

आप को एंव आपके समस्त परिवार को होली की शुभकामना..
आपका आने वाला हर दिन रंगमय, स्वास्थयमय व आन्नदमय हो
होली मुबारक

Tarun Chandel said...

Hi

I am Tarun here, I am planning a Blogcamp in India (Pune), if possible try to make it to it, if not then do try to participate through internet, using Youtube, Slideshare etc.

I have found few other guys who are also very enthusiastic about having a Blogcamp. We are already in process of contacting some good bloggers like you and others on Blogosphere.

The venue will be SCIT Pune (Symbiosis Center for IT). We are already talking to a few people to sponsor food, tshirts and goodies. But all these things are secondary. Success of a Blogcamp is dependent upon it's participants and that is where we are focusing right now.

Do share you thoughts on it.

You can visit our wiki (http://barcamp.org/BlogCampPune).
We also have our blog ( www.blogcamppune.blogspot.com)

Regards,
Tarun Chandel
http://tarunchandel.blogspot.com

PS: I know this is not the right place to put this invitation, but I was not able to find your email id.

Anonymous said...

बहुत सुन्दर :)

होली शुभकामना सहित !
रिपुदमन पचौरी

नव वर्ष २०२४

नववर्ष 2024  दो हज़ार चौबीस वर्ष की नई भोर का स्वागत करने खोल रही है निशा खिड़कियाँ प्राची की अब धीरे धीरे  अगवानी का थाल सजाकर चंदन डीप जला...