आपके पग उठे जब इधर की तरफ़
यों लगा मुस्कुराने लगी हर दिशा
छंद की पालकी में विचरने लगे
भाव मन की उभरती हुई आस के
डाल से फूल गिरने लगे राह में
आपके पांव को चूमने के लिये
शाखें आतुर लचकती हुई हो रहीं
आपके साथ में झूलने के लिये
होके पंजों के बल पर उचकते हुए
लग पड़ी दूब पग आपके देखने
झोंके पुरबाई के थाम कर उंगलिया
चल पड़े साथ में घूमने के लिये
आप उपवन में आये तो कलियां खिली
रंग पत्तों पे आने नये लग पड़े
इक नई तान में गुनगुनाने लगे
वॄंद मधुपों के,नव गीत उल्लास के
सावनी चादरें ओढ़ सोया, जगा
आपको देखने आ गया फिर मदन
बादलों के कदम लड़खड़ाने लगे
पी सुधा जो कि छलकी है खंजन नयन
पत्तियों के झरोखों से छनती हुई
धूप रँगने लगी अल्पना पंथ में
मलती पलकें लगीं जागने कोंपलें
आँख में अपने ले मोरपंखी सपन
चलते चलते ठिठक कर हवायें रूकीं
खिल गये ताल मे सारे शतदल कमल
तट पे लहरों के हस्ताक्षरों ने लिखे
गुनगुनाते हुए गीत मधुमास के
चंपई रंग में डूब कर मोतिया
खुद ब खुद एक गजरे में गुँथने लगा
एक गुंचा गुलाबों का हँसता हुआ
आपको देख कर रह गया है ठगा
जूही पूछे चमेली से ये तो कहो
देह कचनार को क्या मिली आज है
गुलमोहर आपको देख कर प्रीत के
फिर नये स्वप्न नयनों में रँगने लगा
भूल कर अपने पारंपरिक वेष को
आपके रंग में सब रँगे रह गये
जिन पे दूजा न चढ़ पाया कोई कभी
सारे परिधान थे जो भी सन्यास के
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5 comments:
बहुत सुंदर रचना के लिये बधाई.
समीर लाल
आपके शब्द् से प्रेरणायें मिलीं, लेखनी ये स्वत्: रच् रही गीत् है
धमनियों में शिराऒं में बजता हुआ पारलौकिक् कोई एक् संगीत है
कल्पना के लगा पंख, जो बादलों की, विचरती रही पालकी पर् चढ़ी
गीत् के छंद में वह् सँवरती हुई मेरी अव्यक्त् जो रह् गई प्रीत् है.
राकेश जी, कविता बहुत अच्छी लगी।
jaanleva! :)
सोच रही हूँ क्यों टिप्पणियाँ की जायें इन गीतों पे! जब आप जिस गीत को जब चाहे टिप्पणियों से परे कर दें, जैसा आज सुबह किया था ! आप ही कहा करते हैं कि जब गीत लिखे जाते हैं और सार्वजनिक स्थान पे टंकित किये जाते हैं तो वे जो पढ़ता है उसके हो जाते हैं, फिर आप ने बीच के गीतों पे टिप्पणी की सुविधा न दे कर ये क्या किया है !! ये वही गीत हैं जिन्हें आप हर मंच पे सुना चुके हैं, फिर ये क्या पाठक की अवहेलना गुरुदेव ! आप से ह्रदय कि बात ना कहूँ आपके रोष के डर से, अभी तक वह स्तिथि तो नहीं आई है Thankfully :)
क्षमा याचना सहित
शार्दुला, ०१ जून ०९
२१:५२ सिंगापुर
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