दीपक तामस से लैड रहा है


संस्कृति का अंकुरण तो जन्मभूमि ने किया था 

कर्मभूमि ने उन्हें देकर सहारा कुछ निखारा 
धुंध में खोये हुए अस्तित्व को पहचान देकर 
इक अनूठे शिल्प की अनमोल कृति देकर संवारा  


यह  पथिक विश्वास वह   लेकर चला  अपनी डगर पर
साथ में जिसको लिए दीपक तमस  से लड़ रहा है

ज़िंदगी के इस सफ़र में मंज़िलें निश्चित  नहीं थी 
एक था संकल्प पथ में हर निमिष गतिमान रहना
जाल तो अवरोध फैलाये हुए हर मोड़ पर थे 
संयमित रहते हुए बस लक्ष्य को था  केंद्र रखना

कर्म का प्रतिफल मिला इस भूमि पर हर इक दिशा से 
सूर्य का पथ पालता कर्तव्य अपना बढ़ रहा है

चिह्न जितने सफलता के  देखते अपने सफ़र में
छोड कर वे हैं गए निर्माण जो yकरते दिशा का
चीर पर्वत घाटियों को, लांघ कर नदिया, वनों को
रास्ता करते गए  आसान पथ की यात्रा का

सामने देखो क्षितिज के पार भी बिखरे गगन पर
धनक उनके चित्र में ही रंग अद्भुत भर रहा है 

अनुसरण करना किसी की पग तली की  छाप का या
आप अपने पाँव के  ही चिह्न सिकता पर बनाना
पृष्ठ खोले ज़िंदगी में नित किसी अन्वेषणा के 
या घटे इतिहास की गाथाओं को ही दोहराना 

आज चुनना है विकल्पों में इसी बस एक को ही
सामने फ़ैला हुआ यह पथ, प्रतीक्षा कर रहा है धुंध में खोये हुए अस्तित्व को पहचान देकर 
इक अनूठे शिल्प की अनमोल कृति देकर संवारा  


यह  पथिक विश्वास वह   लेकर चला  अपनी डगर पर
साथ में जिसको लिए दीपक तमस  से लड़ रहा है

ज़िंदगी के इस सफ़र में मंज़िलें निश्चित  नहीं थी 
एक था संकल्प पथ में हर निमिष गतिमान रहना
जाल तो अवरोध फैलाये हुए हर मोड़ पर थे 
संयमित रहते हुए बस लक्ष्य को था  केंद्र रखना

कर्म का प्रतिफल मिला इस भूमि पर हर इक दिशा से 
सूर्य का पथ  पालता  कर्तव्य  अपना   बढ़ रहा है

चिह्न जितने सफलता के  देखते अपने सफ़र में
छोड कर वे हैं गए निर्माण जो yकरते दिशा का
चीर पर्वत घाटियों को, लांघ कर नदिया, वनों को
रास्ता करते गए  आसान पथ की यात्रा का

सामने देखो क्षितिज के पार भी बिखरे गगन पर
धनक उनके चित्र में ही रंग अद्भुत भर रहा है 

अनुसरण करना किसी की पग तली की  छाप का या
आप अपने पाँव के  ही चिह्न सिकता पर बनाना
पृष्ठ खोले ज़िंदगी में नित किसी अन्वेषणा के 
या घटे इतिहास की गाथाओं को ही दोहराना 

आज चुनना है विकल्पों में इसी बस एक को ही
सामने फ़ैला हुआ यह पथ, प्रतीक्षा कर रहा है

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