इस नये वर्ष की नव उदित चाँदनी, आपके नैन में स्वप्न आँजे नये
उद्यमों की उगी भोर अँगनाई में आ भरे आपकी, स्वर्ण से अल्पना
दिन ढले सांझ श्रून्गार करती हुई,, बन के शामे अवध मुस्कुराती रहे
यह नया वर्ष पूरी करे कामना, आपने जिन की की हो कभी कल्पना.
उद्यमों की उगी भोर अँगनाई में आ भरे आपकी, स्वर्ण से अल्पना
दिन ढले सांझ श्रून्गार करती हुई,, बन के शामे अवध मुस्कुराती रहे
यह नया वर्ष पूरी करे कामना, आपने जिन की की हो कभी कल्पना.
No comments:
Post a Comment