पंथ विधु की विभायें सजाती रहें,ज्योत्सना आंगनों से ढले न कभी
व्यस्तता आपके साथ चलती रहे, जोर एकाकियत का चले न कभी
पेंजनी की तरह झनझनाती रहे,होके फ़गुनाई खिड़की पे पुरबाईयाँ
दोपहर चैत की धूप वाली रहे, जेठ का सूर्य आकर जले न कभी
मंदिरों में जले दीप की रोशनी, जगमगाती रहे आपके द्वार पर
सप्त घट नीर अभिषेक करते रहें नित्य ही आपका मंत्र उच्चार कर
तूलिकायें लिये, नित्य विधना नये, आपके हाथ में चित्र रँगती रहे
इस नये वर्ष में आपका हर दिवस, गीत गाता रहे राग मल्हार पर
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नव वर्ष २०२४
नववर्ष 2024 दो हज़ार चौबीस वर्ष की नई भोर का स्वागत करने खोल रही है निशा खिड़कियाँ प्राची की अब धीरे धीरे अगवानी का थाल सजाकर चंदन डीप जला...
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प्यार के गीतों को सोच रहा हूँ आख़िर कब तक लिखूँ प्यार के इन गीतों को ये गुलाब चंपा और जूही, बेला गेंदा सब मुरझाये कचनारों के फूलों पर भी च...
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9 comments:
"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards
...नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है. आप सभी को सपरिवार नव-वर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें !!
www.kkyadav.blogspot.com पर नव-वर्ष के स्वागत में कुछ भावाभिव्यक्तियाँ हैं, आप भी शरीक हों तो ख़ुशी होगी.
अंग्रेजी नये वर्ष की शुभकामनायें ।
कविवर प्रणाम ! नव वर्ष पर मंगलकामनाएं. मुझ पर आशीष रहे.
आपको भी नववर्ष की शुभकामनाऐं
रंजन
http://aadityaranjan.blogspot.com
कविवर,आप को सपरिवार नव-वर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें!
आप को सपरिवार
नव-वर्ष पर
हार्दिक शुभकामनायें!
Happy 2009 ahead Rakesh ji
- लावण्या
नववर्ष की आप सभी को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाऐं.
ये आशीष जो आपसे है मिली
उन में घोलें प्रणामों की हम माधुरी
ले के अर्पण करें हम उन्हें आप को
आपके घर बसें हास्य,वैभव,श्री !
सादर ।।
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