नैन में आपके है अमावस अँजी, और पूनम है चेहरे पे इठला रही
ताप्ती नर्मदा और गोदावरी, चाल का अनुसरण हैं किये जा रही
एक संदल के झोंके में घुल चाँदनी आपकी यष्टि के शिल्प में ढल रही
आपके होंठ छू वादियों में हवा, प्यार के गीत नव आज है गा रही.
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नव वर्ष २०२४
नववर्ष 2024 दो हज़ार चौबीस वर्ष की नई भोर का स्वागत करने खोल रही है निशा खिड़कियाँ प्राची की अब धीरे धीरे अगवानी का थाल सजाकर चंदन डीप जला...
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:)
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