सरगम के पहले पहले सुर से जो जुड़ा, नाम तेरा है
इसीलिये प्रस्फ़ुटित स्वरों ने केवल तेरा नाम पुकारा
वीणा के कम्पित तारों से धुन जब जागे, तुझे पुकारे
प्राची के पट खोले ऊषा नित्य भोर में, तुझे निहारे
वनपाखी के स्वर में तू ही, तू हीन गुंजित मंत्र ध्वानि में
तेरा नाम गुनगुना कर ही लहरें तट के पांव पखारे
बही हवा की वल्लरियों में वंशी के पोरों को छूकर
तेरा ही बस एक नाम है तान तान ने जिसे उचारा
श्यामल घटा मधुप का गायन, जलतरंग की कोमल सिहरन
नयन दीर्घा से सम्प्रेषित, मौन तरंगों का आलोड़न
भावों का मॄदु स्पर्श, सुरीले अहसासों की फ़ैली चादर
और शिराओं में संवाहित होती हुई अजब सी झन झन
सन्देशों के आदिकाल से क्रमवत होती हुई प्रगति का
केवल तू ही उत्प्रेरक है, जिसने इनका रूप निखारा
मात्राओं ने सहयोगी हो शिल्प संवारा जब अक्षर का
ध्वनियों ने अनुशासित होकत, जब आकार लिया है स्वर का
भाषाओं की फुलवारी में महके फूल शब्द के जब जब
या कि व्याकरण की उंगली को पकड़े ह्रदय छंद का धड़का
तब तब उभरा है तेरा ही संबोधन, चित्रण औ’ गायन
तेरा नाम सुवासित करता है गलियाँ, आँगन चौबारा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
नव वर्ष २०२४
नववर्ष 2024 दो हज़ार चौबीस वर्ष की नई भोर का स्वागत करने खोल रही है निशा खिड़कियाँ प्राची की अब धीरे धीरे अगवानी का थाल सजाकर चंदन डीप जला...
-
प्यार के गीतों को सोच रहा हूँ आख़िर कब तक लिखूँ प्यार के इन गीतों को ये गुलाब चंपा और जूही, बेला गेंदा सब मुरझाये कचनारों के फूलों पर भी च...
-
हमने सिन्दूर में पत्थरों को रँगा मान्यता दी बिठा बरगदों के तले भोर, अभिषेक किरणों से करते रहे घी के दीपक रखे रोज संध्या ढले धूप अगरू की खुशब...
-
जाते जाते सितम्बर ने ठिठक कर पीछे मुड़ कर देखा और हौले से मुस्कुराया. मेरी दृष्टि में घुले हुये प्रश्नों को देख कर वह फिर से मुस्कुरा दिया ...
3 comments:
:)
दीपावली मंगलमय हो !
बहुत सी बातें कहनी हैं!
जाने कैसे आप इतने कठिन शब्दों को इतनी सुन्दरता से गीतों में लिख लेते हैं. प्रस्फ़ुटित, नयन दीर्घा, सम्प्रेषित, आलोड़न, संवाहित, उत्प्रेरक, अनुशासित!! और ये ही नहीं इतनी सुन्दरता से लिखते हैं की बस मन गाता रह जाता है!
ये गीत सुना हुआ है आपसे, सो याद भी है थोडा-थोड़ा ! माँ शारदा के लिए है ना ये गीत!
अब आपके गीतों के लिए लिखूं-- बहुत ही सुन्दर गीत, अप्रतिम, अनूठा तो क्या नई बात होगी?
बस इतना कि आप लिखते रहे, हम पढ़ते रहे...
****
घर पे सब को दीपावली और उसके साथ जुड़े पर्वों के लिए शुभकामनाएं!
सादर . . .
Post a Comment