tag:blogger.com,1999:blog-15125972.post4428689124766351349..comments2023-11-03T05:42:12.168-04:00Comments on गीत कलश: चान्दनी सरगमों में पिघल कर घुलीराकेश खंडेलवालhttp://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-36336156680411134582008-08-14T09:17:00.000-04:002008-08-14T09:17:00.000-04:00beautiful.......beautiful.......ileshhttps://www.blogger.com/profile/03570067964402579561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-80922008285554771242008-08-11T02:43:00.000-04:002008-08-11T02:43:00.000-04:00Very good......<B>Very good......</B>goooooood girlhttps://www.blogger.com/profile/04966967530389712531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-92163345918579241342008-08-07T13:09:00.000-04:002008-08-07T13:09:00.000-04:00hum to aapko padhkar seekhtey hai ...rakesh ji...b...hum to aapko padhkar seekhtey hai ...rakesh ji...bahut bahut aabhaarपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-39730859677889986552008-08-07T09:56:00.000-04:002008-08-07T09:56:00.000-04:00भ्रम जो सौन्दर्य के थे विमोहित किये,एक के बाद इक इ...भ्रम जो सौन्दर्य के थे विमोहित किये,एक के बाद इक इक सभी ढह गये<BR/>तूलिका लाज के रंग में डूब कर फिर सिमटने लगी आप ही आप में<BR/>आप के चित्र को देखने नभ झुका आप सा है न दूजा सभी कह गये<BR/><BR/>क्या कहे अब ..बहुत बहुत सुंदर लगी यह पंक्तियाँरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-21174687710850548272008-08-07T07:37:00.000-04:002008-08-07T07:37:00.000-04:00पारिजाती सुमन से बने हार को, हाथ में ले शची आ खड़ी ...पारिजाती सुमन से बने हार को, हाथ में ले शची आ खड़ी राह में<BR/>मौसमों के लिये रँग सब साथ में, आपके चित्र में रंग भरती हुई<BR/>बहुत अच्छा लिखा है।शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-6929714514005478362008-08-07T05:51:00.000-04:002008-08-07T05:51:00.000-04:00बहुत बहुत बधाई हो भाई साहब , आनंद आ गया वैसे मैं भ...बहुत बहुत बधाई हो भाई साहब ,<BR/> आनंद आ गया <BR/>वैसे मैं भी ऊपर राजीव रंजन जी के कमेंट से शत प्रतिशत सहमत हूँ की <BR/>आपकी रचना पे टिप्पणी करना आसान नहीं है <BR/><BR/>फिर भी अनन्य शुभकामनाओं सहित ये पँतियाँ स्वीकार करे <BR/><BR/>आपके सब गीत - कविता हैं उजाले की किरण <BR/>आपके सब शब्द लाते हैं , अनूठा जागरण <BR/><BR/>जगमगाते हैं सितारे आपके विशवास पर <BR/>आप सूरज की तरह हो ,शब्द के आकाश पर <BR/><BR/>आप जैसा शब्द का साधक नहीं है दूसरा <BR/>है असंभव आप जैसी , शारदे की साधना <BR/><BR/>कर रहे हैं आज प्रेषित सब ह्रदय की भावना <BR/>दे रहे हैं आज सारे आपको शुभकामनाडा ’मणिhttps://www.blogger.com/profile/12027202350989367311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-11660847617519399302008-08-07T04:19:00.000-04:002008-08-07T04:19:00.000-04:00जो कला मूर्त्तियों में ढली थी खड़ी, आज परदा स्वयं प...जो कला मूर्त्तियों में ढली थी खड़ी, आज परदा स्वयं पर गिराने लगी<BR/>आपकी एक छवि कल्पना से निकल, दॄष्टि के पाटलों पे जो लहरा गई<BR/><BR/>अध्भुत रचना..<BR/><BR/><BR/>आपकी रचनाओं पर टिप्पणी करने में बहुत साहस चाहिये होता है। सूरज को दीप दिखाना ही है...आप जैसे गीतकार अब साहित्यजगत में विलुप्तप्राय है..<BR/><BR/><BR/>***राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-45453250234498298602008-08-07T03:05:00.000-04:002008-08-07T03:05:00.000-04:00बधाई.बेहद खूबसूरत...बहुत ही सुंदर.प्यारा गीत. अच्छ...बधाई.<BR/>बेहद खूबसूरत...<BR/>बहुत ही सुंदर.<BR/>प्यारा गीत. अच्छा लगा पढ़ कर.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-48618800246972752382008-08-06T23:56:00.000-04:002008-08-06T23:56:00.000-04:00सुंदरतम भाव को सुंदरतम शब्दों में सुंदरता के साथ प...सुंदरतम भाव को सुंदरतम शब्दों में सुंदरता के साथ पिरोया है आपने।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-85327328130985001612008-08-06T23:32:00.000-04:002008-08-06T23:32:00.000-04:00वाह ! क्या प्रस्तुति है सुन्दरता की !वाह ! क्या प्रस्तुति है सुन्दरता की !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-17257361442870092242008-08-06T23:29:00.000-04:002008-08-06T23:29:00.000-04:00adbhut shabd-shilp.bus aur kya likhu kalam laaz ke...adbhut shabd-shilp.bus aur kya likhu kalam laaz ke rang me.... sunder rachnaAnil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-49283520404250494092008-08-06T23:02:00.000-04:002008-08-06T23:02:00.000-04:00आप की कविताओं पर क्या कहूं ...... सिवा इस के कि मग...आप की कविताओं पर क्या कहूं ...... सिवा इस के कि मगन कर देरी हैं ये मुझ को. प्रवाह में बह जाता हूँ.. आप को पढ़ना बहुत सुखद अनुभव है.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-31821795854631196322008-08-06T22:00:00.000-04:002008-08-06T22:00:00.000-04:00सुँदर शिल्प, सुँदरतर शब्द और सुँदरतम भाव..ये कविरा...सुँदर शिल्प, <BR/>सुँदरतर शब्द <BR/>और सुँदरतम भाव..<BR/>ये कविराज की <BR/>लेखनी का ही कमाल है :)<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-52635272472334761702008-08-06T21:37:00.000-04:002008-08-06T21:37:00.000-04:00चित्र जितने अजन्ता की दीवार पर थे टँगे देखते देखते...चित्र जितने अजन्ता की दीवार पर थे टँगे देखते देखते रह गये<BR/>भ्रम जो सौन्दर्य के थे विमोहित किये,एक के बाद इक इक सभी ढह गये<BR/>तूलिका लाज के रंग में डूब कर फिर सिमटने लगी आप ही आप में<BR/>आप के चित्र को देखने नभ झुका आप सा है न दूजा सभी कह गये<BR/><BR/><BR/>--वाह!! गज़ब!! छा गये महाराज!! जबरदस्त रहा!....बहुत खूब.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com