tag:blogger.com,1999:blog-15125972.post116179869685659612..comments2023-11-03T05:42:12.168-04:00Comments on गीत कलश: संकल्पराकेश खंडेलवालhttp://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-1162123336585128832006-10-29T07:02:00.000-05:002006-10-29T07:02:00.000-05:00राकेश जी:सुन्दर मुक्तक है।....होठों पे मेरे कहानी ...राकेश जी:<BR/>सुन्दर मुक्तक है।<BR/>....<BR/><BR/>होठों पे मेरे कहानी तुम्हारी है<BR/>सपनों में डूबी निशानी तुम्हारी है<BR/>बचपन,बुढापा तुम्हें को समर्पित है<BR/>सारी की सारी जवानी तुम्हारी है ।<BR/><BR/>सादर<BR/>अनूपअनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-1161969755197281572006-10-27T13:22:00.000-04:002006-10-27T13:22:00.000-04:00समीर भाइ- धन्यवादअनुराग जी- आपके ख्याल सुन्दर हैंसमीर भाइ- धन्यवाद<BR/><BR/>अनुराग जी- आपके ख्याल सुन्दर हैंराकेश खंडेलवालhttps://www.blogger.com/profile/08112419047015083219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-1161855423908278842006-10-26T05:37:00.000-04:002006-10-26T05:37:00.000-04:00आप जैसे श्रेष्ठ कवि की कविताओं पर टिप्पणी करने का ...आप जैसे श्रेष्ठ कवि की कविताओं पर टिप्पणी करने का साहस नहीं जुटा पाता हूं। मेरे शब्दों में शायद इतना वज़न नहीं है कि आपकी कविताओं पर टिप्पणी करने का दुस्साहस कर सकूं। <BR/><BR/>तुम्हारी हंसी की फुरेरी बना कर साथ लाया था<BR/>वो शायद अत्र बन कर फ़िज़ा में घुल रही होगी<BR/>तभी सभी के चेहरों पर आज हंसी दिखती है।<BR/><BR/>****<BR/><BR/>आंगन में आज चांदनी की अजब सी रौनक है<BR/>उंगलियों में तुम्हारी बिछिया भी नहीं दिखती!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-15125972.post-1161817774519130192006-10-25T19:09:00.000-04:002006-10-25T19:09:00.000-04:00बहुत सुंदर मुक्तक है.बहुत सुंदर मुक्तक है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com